विदेश में वायुसेना कर रही राफेल विमान टेस्ट
देश में एक तरफ राफेल विमान के सौदे को लेकर राजनीतिक युद्ध छिड़ा हुआ है वहीं दूसरी तरफ वायुसेना 36 राफेल विमानों को बेडे़ में शामिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय वायु सेना के टॉप अधिकारी ने फ्रांस में राफेल विमान का टेस्ट किया। इसमें भारतीय तकनीक को जोड़कर 14 अपग्रेडेशन किए गए हैं। बता दें कि सितंबर 2016 में राफेल विमानों को लेकर हुए 59,000 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी मैदान में हैं।
Rafale test flight |
Deputy Air Marshal Raghunath Nambiar |
भारतीय वायुसेना के डेप्युटी एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने 'टेस्टबेड' के रूप में उपयोग होने वाले 17 साल पुराने राफेल को उड़ाया। इसमें 14 तरह के भारतीय उपकरण भी लगाए गए हैं। अधिकारी ने फ्रांस में लगभग 80 मिनट की उड़ान भरी।
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तेजस जैसे लड़ाकू विमान को सबसे पहले उड़ाने वाले और जानेमाने फाइटर पायलट नंबियार ने हाल में ही कहा था कि राफेल से भारत को अभूतपूर्व क्षमता और आकाश में गजब की ताकत मिलने वाली है।
राफेल विमान के स्वागत की तैयारियां
वायुसेना की एक टीम जिसमें पायलट और टेक्निकल ऑफिसर शामिल हैं, इन दिनों फ्रांस में है। टीम 36 राफेल विमानों को एयरफोर्स में शामिल करने की तैयारी कर रही है। नवंबर 2019 से अप्रैल 2022 के बीच राफेल को हासीमारा (पश्चिम बंगाल) और अंबाला (हरियाणा) एयरबेस में शामिल करने की योजना है।
राफेल विमान का सौदा
मीडिया में आई तमाम खबरों में यह दावा किया गया कि यह पूरा सौदा 58,000 करोड़ रुपये का हुआ है और इसकी 15 फीसदी लागत एडवांस में दी जा रही है 36 राफेल विमानों का परमाणु हथियार और 14 अपग्रेड शामिल हैं। 1.7 अरब यूरो यानी लगभग 12,780 करोड़ रुपये की लागत से इसमें रडार, इजराइली हेल्मेट वाला डिस्प्ले, लो बैंड जैमर, ठंडे इलाकों में स्टार्ट होने के लिए इंजन की क्षमता जैसे अपग्रेड भी किए जाने हैं।
राफेल विमान की खुबियां
लड़ाकू विमानों की तुलना में लंबाई-चौड़ाई कम होने के साथ ही यह भार में काफी हल्का है
- हवा में महज 28 किलोमीटर प्रति घंटा की बहुत धीमी रफ्तार से उड़ने के साथ ही पलक झपकते ही 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार हासिल कर लेता है।
- परमाणु हमला करने में सक्षम
- 150 किमी की बियोंड विजुअल रेंज मिटीयोर मिसाइल , हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल। स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी
- बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है
- विमान में है ऑक्सीजन जेनरेशन सिस्टम, लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं
- इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में खोज लेता है पोजीशन
- नजदीकी मुकाबले के दौरान एक साथ कई टारगेट पर रख सकता है नजर
- हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है
- जमीनी सैन्य ठिकाने के साथ साथ विमानवाहक पोत से भी उड़ान भर सकता है।
Rafale Fighter Jet |
टेक्नोलॉजी भी है दमदार
दो पावरफुल इंजन वाले राफेल विमान की लंबाई महज 15.27 मीटर और चौड़ाई (विंग स्पैन10.80 मीटर है।
- इसका कुल वजन बगैर हथियारों के 10,300 किलोग्राम है, जबकि हथियार के साथ 24,500 हजार किलोग्राम है।
- वहीं, इसकी अधिकतम रफ्तार 2,130 किलोमीटर है।
- यह 3,700 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर सकता है। - इसकी ईंधन क्षमता 4,700 किलोग्राम है।
- इस विमान का कॉकपिट इस तरह से डिजाइन किया हुआ है कि पायलट कम से कम प्रयास के साथ इसे बेहतरी के साथ उड़ा सके।
- हवा से हवा में मार करने वाली 8-10 मिसाइलें ले जाने में सक्षम।
- 1,312 फुट के बेहद छोटे रनवे से उड़ान संभव।
- 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस है इसलिए यह 1 मिनट में 55-60 हजार फीट पर पहुंच जाता है ।
- 15,590 गैलन ईंधन ले जाने की क्षमता।
- इसका कुल वजन बगैर हथियारों के 10,300 किलोग्राम है, जबकि हथियार के साथ 24,500 हजार किलोग्राम है।
- वहीं, इसकी अधिकतम रफ्तार 2,130 किलोमीटर है।
- यह 3,700 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर सकता है। - इसकी ईंधन क्षमता 4,700 किलोग्राम है।
- इस विमान का कॉकपिट इस तरह से डिजाइन किया हुआ है कि पायलट कम से कम प्रयास के साथ इसे बेहतरी के साथ उड़ा सके।
- हवा से हवा में मार करने वाली 8-10 मिसाइलें ले जाने में सक्षम।
- 1,312 फुट के बेहद छोटे रनवे से उड़ान संभव।
- 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस है इसलिए यह 1 मिनट में 55-60 हजार फीट पर पहुंच जाता है ।
- 15,590 गैलन ईंधन ले जाने की क्षमता।
- अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है
rafale flighter jet। वायु सेना कर रही राफेल विमान टेस्ट
Reviewed by Rohit
on
September 21, 2018
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