मंत्री जी का वृक्षारोपण अभियान
ऐसे ही एक महाविद्यालय में
प्राचार्य कोपल प्रसाद ने वन महोत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम वजनदार हो, इसलिए उद्घाटन हेतु मुख्य अतिथि के रूप में वन मंत्री माननीय पतझड़ दास को बुलाया गया।
महाविद्यालय में वन मंत्री ने
पौधा रोपा, फोटो खिंचवाए फिर वनों की महत्ता पर
प्रकाश डाला। ‘वन हमारे संरक्षक हैं, जन्म से मरण
तक साथ देते हैं। महाविद्यालय के गेट पर खड़ा वह
नीम का पेड़ आज इसका प्रमाण है कि हम
इनका मोल नहीं पहचान पाए। इसके पीले झरते पत्ते,
इसकी कहानी कह रहे हैं। बच्चे आते-जाते इस नीम
के वृक्ष को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि नीम
सदा उन्हें छाया प्रदान करता है। उन्हें नीम के
प्रति तनिक भी संवेदना नहीं है, जबकि ये
भी हमारी तरह संवेदनशील हैं। हमें
इनकी पीड़ा को समझना चाहिए।
सोचो यदि होती पेड़ों की भी जुबान,
तो क्या कहता यह श्रीमान?
बता सकता है कोई नौजवान?’ तभी छात्रों की भीड़ में से एक छात्र
खड़ा हुआ और बोला, ‘मैं बता सकता हूं मंत्री महान!
होती अगर उस वृक्ष की जुबान, तो वह कहता,
मैं नीम नहीं पीपल हूं श्रीमान!’
भगवान ने पहले गधे को बनाया
Hindi jokes
Reviewed by Rohit
on
September 21, 2018
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