DRDO tests of MPATGM weapon system

भारतीय सेना ने अपने नए विकसित मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) की पहली और दूसरी उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित की है।

स्वदेशी निर्मित इस मिसाइल के परिक्षण महाराष्ट्र के अहमदनगर की सैन्य रेंज मे किये जा रहे हैं।

एक बार सेवा में तैनात किए जाने पर,  एंटी-टैंक निर्देशित मिसाइलों से भारतीय सेना को युद्ध के क्षेत्र में दुश्मन के टैंकों पर हमला करने और नष्ट करने में मदद मिलेगी 

 इसके उड़ान परीक्षणों को DRDO के साथ मिलकर इसकी अलग-अलग दूरी और अधिकतम दूरी की क्षमता को जांचने के लिए प्रदर्शित किया गया था

भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक,दो परीक्षणों के सभी मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है

मिसाइल की खासियत

यह मिसाइल तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है जिसे भारतीय सेना की दूसरी पीढ़ी की फ्रांस द्वारा निर्मित मिलान और रूस द्वारा निर्मित कोनकुर्स ATGMs की जगह लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

20 किलोग्राम की यह मिसाइल दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर 200 मी. से 2.5 कि.मी. तक अचूक निशाना साध सकती हैं।
कंधे पर रखकर चलाए जा सकने वाले इस मिसाइल की रेंज क्षमता 4 किलोमीटर तक हो सकती है। कहा जा रहा है कि यह मिसाइल भारत की 'नाग' मिसाइल सीरीज का हिस्सा है। आसानी से ले जा सकने वाले इस मिसाइल से दुर्गम जगहों पर भी दुश्मनों के टैंक और अन्य ठिकानों को उड़ाने में सेना को काफी मदद मिलेगी। 
DRDO tests of MPATGM weapon system DRDO tests of MPATGM weapon system Reviewed by Rohit on September 19, 2018 Rating: 5

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