Realty of sales

ऑरिजनल प्राइस का खेल: डिस्काउंट ऑफर्स से ऐसे बुद्धू बनाती हैं कंपनियां



हम से ज्यादातर लोग जब कभी किसी स्टोर के बाहर 'सेल' शब्द देखते हैं तो बिना सोचे खरीदारी के लिए आगे बढ़ जाते हैं। ऐसे लोगों को लगता है कि सेल के वक्त स्टोर उन्हें कम दाम पर चीजें बेच रहा है, जैसा कि स्टोर बताता भी है। मगर क्या वास्तव में हर बार जब कोई स्टोर किसी चीज को कम कीमत पर बेचने की बात करता है तो वह सच बोलता है? सोचो, क्या ऐसा भी हो सकता है कि स्टोर किसी चीज के 'पूरे दाम' पर डिस्काउंट दे रहा हो, और वह ' पूरा दाम' वास्तविक ही न हो? इन सवालों को लेकर हार्वर्ड बिजनस स्कूल की मार्केटिंग यूनिट के असिस्टेंट प्रफेसर डॉनल्ड ऐंग्वे ने एक वर्किंग पेपर तैयार किया। जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।

दरअसल प्रफेसर ऐंग्वे अमेरिकी की एक बड़ी कंपनी से जुड़े प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे। उसी दौरान उन्हें आउटलेट स्टोर्स पर कुछ अजीब होता दिखा। प्रफेसर को पता चला कि कुछ प्रॉडक्ट्स को खास तौर पर आउटलेट स्टोर्स पर बेचने के लिए ही तैयार किया गया था, जो कभी रिटेल शेल्व में दिखे ही नहीं थे। इन प्रॉडक्ट्स पर 'असली कीमत' के साथ डिस्काउंट के बाद वाली कीमत लिखी हुई थी। प्रफेसर ऐंग्वे का कहना है कि प्रॉडक्ट्स पर जो 'असली कीमत' लिखी गई थी, उस कीमत पर उनको कभी बेचने की कोशिश ही नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन प्रॉडक्ट को उनकी (बताई गई) असली कीमत पर कभी कोई खरीदता भी नहीं।

फेक डिस्काउंट्स ड्राइव रियल रेवेन्यूज इन रिटेल' नाम के अपने वर्किंग पेपर में प्रफेसर ऐंग्वे ने लिखा है कि मुझे पता चला कि किसी ब्रैंड की फर्जी कीमतों के झांसे में वे ग्राहक आसानी से आ जाते हैं जो उस ब्रैंड के बारे में कम जानते हैं। ऐसे में प्रफेसर ऐंग्वे लोगों को सलाह देते हैं कि वे किसी चीज को खरीदते समय उसकी कीमत को गुणवत्ता की कसौटी पर रखकर देखें।
Realty of sales Realty of sales Reviewed by Rohit on September 14, 2018 Rating: 5

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