चीन ने छीने साथी, अब भारत और जापान से दोस्ती बढ़ा रहा ताइवान
दरअसल, पिछले कुछ वक्त में चीन ताइवान के कुछ करीबी देशों को विभिन्न लालच देकर उससे दूर करने में कामयाब हुआ है। इतना ही नहीं उसने ताइवान के आसापास अपनी मिलिटरी ऐक्टिविटी भी तेज की है। चीन ने पिछले महीने लैटिन अमेरिकी देश अल-सल्वाडोर को अपनी तरफ किया। इससे पहले मई में केरेबियाई देश डोमनिकन गणराज्य और पनामा ने ताइवान का साथ छोड़कर चीन को नया दोस्त बनाया था। फिलहाल ताइवान के सिर्फ 17 देशों से राजनयिक संबंध हैं, जिनमें से 6 तो छोटे से द्वीप हैं।
एक अधिकारी ने कहा, "हालांकि ताइपे अपने पुराने सहयोगियों को बनाए रखने के लिए सहयोग कर रहा है वहीं यह बड़ी क्षेत्रीय शक्तियों के साथ रणनीतिक संबंधों को गहरा बनाने के लिए उत्सुक है, ये हमारे लिए एक अवसर के समान है क्योंकि वे भी बढ़ते चीन से निपटने की कोशिश कर रहे हैं.”
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने रॉयटर्स से कहा, "हम ताइवान और उन देशों को रणनीतिक या सुरक्षा वातावरण को गहराई से समझना चाहते हैं." उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से कई देश अपने हितों को देखते हुए ताइवान की ओर देख रहे हैं.
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से भी नहीं चूकता. हाल के सालों में चीन ने ताइवान के आस-पास सैन्य गतिविधि तेज कर दी है.
चीन के प्रभाव से मुक्त होने के लिए ताइपे जापान और भारत के साथ अपने संबंधों को बढ़ा रहा है. पिछले कुछ सालों में इन देशों के साथ उसके संबंध मजबूत हुए हैं.
इसी के साथ ताइवान ने अनौपचारिक तौर पर टोक्यो, सिंगापुर और वॉशिंगटन के साथ सुरक्षा संधिया भी की हैं. एक भारतीय सूत्र ने बताया कि चीन की सैनिक तैनानी के बारे में ताइवान की जानकारी और देश के पश्चिम में सैनिक गतिविधियों को लेकर भारत की विशेष रुचि हैं. भारतीय सूत्र ने कहा कि भारत ताइवान पर निर्भर है क्योंकि वे चीन पर नजर रखते हैं.
Taiwan Fighting Against China
Reviewed by Rohit
on
September 14, 2018
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